राखी का उत्सव .......

नमस्कार ,
              मेरी आज इस कविता का सम्बन्ध राखी के विशेष उत्सव से है । इस  काव्य रचना के माध्यम से राखी के उत्सव को कैसे मनाया जाता है  और बहन -भाई का यह दिन कितना खास होता है  इस शब्द को माध्यम से बताया गया है । आशा करती हूं आपको ये पंक्तियां पसन्द आएगी और आप  कमेंट  करके बताएं और अपने भाई बहन से शेयर करके बधाई दे।
           
उत्सव राखी का ...
श्रावण माह का खास दिवस आया है ,
राखी का उत्सव ढेर सारी खुशियाँ लाया है।

भाई-बन्धुओ ने अपनी रूठी हुई बहन को मनाया है,
खास उपलक्ष्य में बहन ने  भी पूजा का थाल सजाया है।
चन्दन, दीपक, और फूलों की खुशबू से महकाया है,
राखी, अक्षत के साथ मिष्ठान ने भाई को ललचाया है ।
नित स्नान कर आज सुबह भाई नए वस्त्र धारण कर आया है,
उतार कर आरती , लाडली बहन ने मस्तक पर तिलक सजाया है।
 भाई ने दाहिनी कलाई आगे बढ़ाकर , रक्षा की डोर को बँधाया है,
खुशिओं के इस पावन उत्सव पर बहन -भाई का चेहरा खिलखिलाया है।
अब बहना ने भाई की पसन्दीदा मिठाई से मुँह मीठा करवाया,
भाई ने भी ख़ुशी से ताज्जुब उपहार बहना को दिलाया है।
प्रेम के इस पावन बन्धन पर दोनों ने आपस में एक- दूजे को गले लगाया,
 इसी तरह राखी के उत्सव को हमने ख़ुशी के साथ में मनाया है।

Happy rakshabandhan 💝💝

शुक्रिया आप सभी का ।

टिप्पणियाँ

  1. Very good... Very sweet poem. Written with all purity and innocence... Keep it up...💐💐👌👌👍👍👍

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