सुकून के पल
कड़कती धूप में तपते हुए, मुसाफ़िर को, पेड़ की छाँव में टहल जाने से सुकून मिलता है। चार बूंदे बारिश की ज़मीन पर, बरस जाने से, प्यास से तड़पती हुई जमीं को सुकून मिलता है। पत्थरों के रास्ते बहती हुई ,नदी की जलधारा को, समुद्र की गहराई में थम जाने पर सुकून मिलता है। रूठे हुए ईश्क़ के बन्दे को,मोह माया का जाल छोड़कर , अकेले में बैठ कर खुद से मिल जाने में सुकून मिलता है। जिम्मेदारियो के बोझ से दबे हुए वयस्क को,बूढ़ी माँ के आँचल में आँखे बंद करके सो जाने से सुकून का पल मिलता है। कृप्या करके इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर, लाइक , और फॉलो करें । धन्यवाद।